आईपीएल में गरमाया माहौल: दिग्वेश राठी पर BCCI का कड़ा एक्शन, अभिषेक शर्मा को भी मिली सजा
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 जैसे-जैसे अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे मैदान पर खिलाड़ियों का जोश और गर्मी भी चरम पर पहुंचती नजर आ रही है। हाल ही में लखनऊ सुपर जायंट्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेले गए मुकाबले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब लखनऊ के गेंदबाज दिग्वेश राठी और हैदराबाद के सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा के बीच मैदान में गरमागरमी हो गई। इस विवाद ने इस कदर तूल पकड़ा कि बीसीसीआई को कड़ा ऐक्शन लेना पड़ा।
दिग्वेश राठी का जश्न बना मुसीबत
इकाना स्टेडियम में खेले गए इस हाई वोल्टेज मैच में दिग्वेश राठी ने अभिषेक शर्मा को अपनी गेंद पर कैच आउट किया। आउट करने के बाद राठी ने अपनी पहचान बन चुका 'नोटबुक सेलिब्रेशन' किया और साथ ही अभिषेक की ओर उंगली से बाहर जाने का इशारा किया। ये इशारा क्रिकेट की खेल भावना के खिलाफ माना गया और यहीं से दोनों खिलाड़ियों के बीच तनातनी शुरू हो गई।
अभिषेक शर्मा आउट होकर पवेलियन की ओर लौट रहे थे, लेकिन दिग्वेश के इस उकसावे से वह खुद को रोक नहीं पाए। वह पलटे और राठी से बहस करने लगे। बात इतनी बढ़ गई कि अभिषेक ने अपने सिर की ओर हाथ ले जाकर हिंसा का इशारा तक कर दिया। हालांकि मैदान पर मौजूद अंपायर्स और अन्य खिलाड़ियों की सूझबूझ से स्थिति हाथापाई तक नहीं पहुंची।
बीसीसीआई का फैसला: राठी पर एक मैच का प्रतिबंध
बीसीसीआई ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया और दोनों खिलाड़ियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की घोषणा की। लखनऊ के गेंदबाज दिग्वेश राठी पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया है और उनकी मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माने के तौर पर काट लिया गया है।
दरअसल, यह पहला मौका नहीं है जब राठी ने आईपीएल के आचार संहिता का उल्लंघन किया हो। इस सीजन में उन्होंने बार-बार अनुशासनहीनता दिखाई है। उन्हें अब तक कुल पांच डिमेरिट अंक मिल चुके हैं।
1 अप्रैल को पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच में पहला डिमेरिट अंक मिला।
4 अप्रैल को मुंबई इंडियंस के खिलाफ दो डिमेरिट अंक और मिले।
अब SRH के खिलाफ मैच में उन्हें फिर से दो डिमेरिट अंक दिए गए।
आर्टिकल 2.5 के तहत राठी का यह तीसरी बार लेवल 1 का अपराध है। इसलिए बीसीसीआई ने तय किया कि अब सख्त कार्रवाई ज़रूरी है। इसके चलते राठी 22 मई को गुजरात टाइटंस के खिलाफ होने वाले मुकाबले में नहीं खेल पाएंगे।
अभिषेक शर्मा को भी भुगतना पड़ा खामियाजा
दिग्वेश राठी की हरकत से भड़के अभिषेक शर्मा का रिएक्शन भी बीसीसीआई की नजर में अनुचित पाया गया। उन्होंने मैदान में आक्रामक तरीके से प्रतिक्रिया दी और हाथ के इशारे से संभावित हिंसा की ओर संकेत किया। इस पर बीसीसीआई ने उन्हें आर्टिकल 2.6 के तहत लेवल 1 अपराध का दोषी पाया और उन पर मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही उन्हें एक डिमेरिट अंक भी दिया गया है।
हालांकि यह अभिषेक का इस सीजन में पहला अपराध था, इसलिए उनके ऊपर कोई और कड़ा ऐक्शन नहीं लिया गया है, लेकिन उन्हें चेतावनी जरूर दी गई है।
'नोटबुक सेलिब्रेशन' का इतिहास
दिग्वेश राठी का 'नोटबुक सेलिब्रेशन' पहले भी विवादों में रहा है। यह अंदाज उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, लेकिन बार-बार इसे आक्रामक तरीके से करने और बल्लेबाजों को उकसाने का आरोप उन पर लगता रहा है। खासकर जब यह सेलिब्रेशन विरोधी बल्लेबाज की ओर देखकर किया जाए और इशारों में उन्हें नीचा दिखाया जाए, तो यह खेल की गरिमा को ठेस पहुंचाता है।
बीसीसीआई और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में दिग्वेश को चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने फिर भी वही तरीका दोहराया, जिससे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई।
क्या कहते हैं क्रिकेट एक्सपर्ट्स?
कई पूर्व क्रिकेटरों और विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं युवा खिलाड़ियों के भविष्य पर गलत प्रभाव डालती हैं। एक ओर जहां खिलाड़ी मैदान पर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते, वहीं दूसरी ओर उनके फैंस भी इससे प्रभावित होते हैं। खेल भावना और अनुशासन आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट की नींव हैं। ऐसे में बीसीसीआई का यह कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी था।
दर्शकों की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर फैंस में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोग दिग्वेश राठी के उत्साह और आक्रामकता को जुनून का नाम दे रहे हैं, तो वहीं कई फैंस इसे घमंड और असम्मान की श्रेणी में रख रहे हैं। अभिषेक शर्मा के समर्थक भी उनके बचाव में तर्क दे रहे हैं कि वे उकसावे में आकर प्रतिक्रिया दे बैठे।
निष्कर्ष
आईपीएल केवल एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक बड़ा मंच है जहां खिलाड़ी अपनी प्रतिभा और मानसिक मजबूती दोनों का प्रदर्शन करते हैं। ऐसे में छोटी-छोटी गलतियां भी बड़े परिणाम ला सकती हैं। दिग्वेश राठी और अभिषेक शर्मा की यह घटना इस बात की एक और मिसाल है कि मैदान में केवल स्किल ही नहीं, बल्कि अनुशासन और संयम भी उतना ही जरूरी होता है।
बीसीसीआई द्वारा लिए गए इस फैसले से उम्मीद है कि आने वाले मैचों में खिलाड़ी मैदान में अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखेंगे और खेल भावना को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। दर्शक भी यही चाहेंगे कि उन्हें रोमांचक क्रिकेट तो मिले, लेकिन अनुशासन की सीमाओं के भीतर।
अगले मुकाबले पर असर
अब जबकि दिग्वेश राठी गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाएंगे, लखनऊ सुपर जायंट्स को उनकी कमी जरूर खलेगी। वहीं अभिषेक शर्मा पर नज़र रहेगी कि वह भविष्य में मैदान में ज्यादा संयम बरतें। IPL का रोमांच जारी है, लेकिन अब खिलाड़ियों को यह भी ध्यान रखना होगा कि उनके हर कदम पर प्रशंसकों और बोर्ड की नजर है।
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