‘पाकिस्तान मारेगा इजरायल पर परमाणु बम’... ईरानी दावे को पाकिस्तान ने किया खारिज

13 जून 2025 को इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर पहुंच चुका है। इजरायली वायुसेना ने ईरान के परमाणु संयंत्रों और तेल रिफाइनरियों पर एयरस्ट्राइक की, जिससे वैश्विक राजनीति और बाजारों में हड़कंप मच गया। हमले के बाद ईरान ने बयान दिया कि "अगर इजरायल ने दोबारा ऐसा किया, तो पाकिस्तान उसके बचाव में परमाणु हमला करेगा।" इस दावे ने पूरी दुनिया को चौंका दिया।

ईरान का दावा: पाकिस्तान हमारे साथ

तेहरान से आए एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान हमारे रणनीतिक साझेदार के तौर पर खड़ा है और यदि इजरायल ने भविष्य में कोई आक्रामक कदम उठाया तो पाकिस्तान की तरफ से भी प्रतिक्रिया हो सकती है, जिसमें "परमाणु विकल्प" भी शामिल है। यह दावा ईरानी मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हुआ।

Pakistan की सफाई    पाकिस्तान ने ईरान का समर्थन किया, लेकिन परमाणु युद्ध से इनकार किया. 

ईरान के इस दावे को पाकिस्तान सरकार ने तुरंत नकारते हुए कहा,

 "हमारा इजरायल-ईरान संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है। पाकिस्तान की विदेश नीति आत्मरक्षा और शांति पर आधारित है। हम किसी के खिलाफ परमाणु हमला करने की योजना नहीं बना रहे हैं।"



पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर ईरानी मीडिया के दावे को "भ्रामक और ग़लत सूचना" बताया। पाकिस्तान ने ईरान का समर्थन किया, लेकिन परमाणु युद्ध से इनकार किया। साथ ही यह भी कहा गया कि पाकिस्तान को इस बयान में घसीटना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इजरायल की प्रतिक्रिया: हर मोर्चे के लिए तैयार

इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि अगर ईरान की तरफ से कोई जवाबी हमला होता है तो उसे "ऐतिहासिक परिणाम" भुगतने पड़ सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता

संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, चीन और भारत समेत कई बड़े देशों ने तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। सभी ने संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है।

विश्लेषण: क्या तीसरे विश्व युद्ध की आहट?

इस पूरे घटनाक्रम ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर पाकिस्तान और इजरायल जैसे परमाणु संपन्न देश किसी युद्ध में शामिल होते हैं, तो उसके परिणाम सिर्फ मिडिल ईस्ट तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित होगी।


निष्कर्ष:

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान का नाम आना स्थिति को और पेचीदा बना रहा है। हालांकि पाकिस्तान ने तुरंत सफाई देकर माहौल को शांत करने की कोशिश की है, लेकिन यह साफ है कि अब मध्य पूर्व में हर दिन नया मोड़ ला सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना बेहद अहम होगा कि कूटनीति काम करती है या हथियार।

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