बांग्लादेश तख्ता पलट ; प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ा


बांग्लादेश में विगत कई दिनों से सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर वहां के छात्र आंदोलन रथ थे।वे सरकार की सरकारी आरक्षण नीतियों का विरोध कर रहे थे।वहां की सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के कारण छात्रों का आंदोलन धीमा पड़ गया था, लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा की मांग को लेकर यह आंदोलन हिंसक हो गया। सेना ने प्रदर्शनकारियो पर गोली चलाने से मन कर दिया।बेरोजगारी की बढ़ती स्थिति एवं आर्थिक स्थिति लगातार खराब होने के कारण इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया।  हालात और खराब होते चले गए।

     बढ़ते दबाव के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा देकर राजधानी ढाका छोड़ दिया और भारत आ गई।छात्रों का यह प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। हिंसक भीड़ ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा जमा लिया और लूटपाट करने लगे। हिंसक भीड़ ने जेल पर हमला बोला और 500 कैदियों को मुक्त कर दिया। प्रदर्शनकारी राजधानी व अन्य शहरों में घूम-घूम कर प्रदर्शन लूटपाट कर रहे थे। इस हिंसक प्रदर्शन में करीब 135 लोग मारे गए और मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। सेना ने बांग्लादेश की जनता से हिंसा बंद करने की अपील करते हुए सत्ता की बागडोर संभाल लिया। इस हिंसक प्रदर्शन के पीछे कई कारण हैं।

1- आरक्षण की नीतियों से असंतुष्ट 

      बांग्लादेश की छात्र सरकार की आरक्षण नीतियों से असंतुष्ट थे। खास तौर से वे स्वतंत्रता सेनानियों और उनके वंशजों को दिए जा रहे 30% आरक्षण के विरोध में आंदोलन थे। उनका यह आंदोलन धीरे-धीरे हिंसक प्रदर्शन में बदल गया। उनका यह आरोप था कि सरकार मेरिट के आधार पर नहीं बल्कि अपने समर्थकों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का पक्षधर है।

2- विपक्षी पार्टियों का फ्रंट फुट पर आना

     सरकारी नौकरियों में आरक्षण नीतियों के विरुद्ध छात्रों के आंदोलन को देखते हुए विपक्षी पार्टिया आगे आ गई। शेख हसीना सरकार का विरोध करते हुए बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने बेगम खलीदा जिया के नेतृत्व में लाखों की भीड़ जुटा कर आग में घी डालने का काम किया और शेख हसीना के इस्तीफा की मांग कर उनकी कुर्सी हिला दिया।इससे सरकार हिल गई और विपक्ष का सामना नहीं कर पाई।

3 - सेना ने सरकार का साथ नहीं दिया

     छात्रों एवं विपक्षी पार्टियों के प्रदर्शन को रोकने में सेना ने सरकार का साथ नहीं दिया और गोलियां चलाने से मना कर दिया। इस हिंसक प्रदर्शन में सैकड़ो लोगों की जान चली गई। सेना ने यह बयान दिया की सेना इन प्रदर्शनकारियो पर गोलियां नहीं चलाएंगी।

4- विदेशी खड्यंत्रकारियो (पाकिस्तान) का हाथ

     बांग्लादेश की सिविल सोसाइटी ने कहा कि बांग्लादेश मे हिंसक प्रदर्शन के पीछे पाकिस्तान की उच्चयोग का हाथ है। पाकिस्तान बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में " मिशन पाकिस्तान समर्थक जमात " के माध्यम से दखल कर आंदोलनकारियो को हिंसक प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहा और समर्थन दे रहा है।

5- खराब आर्थिक स्थिति

     बांग्लादेश की खराब आर्थिक स्थिति से बेरोजगारी बढ़ रही थी। इस आंदोलन से बांग्लादेश के आर्थिक हालात और खराब होते चले गए। शेख हसीना को पुन :प्रधानमंत्री बनने से छात्रों में गुस्सा बढ़ गया और वे बेरोजगारी तथा सरकारी नौकरियों में आरक्षण का विरोध करने लगे।

     बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर मचे विरोध प्रदर्शन के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई। आरक्षण को लेकर जो विरोध वह हिंसक प्रदर्शन शुरू हुआ। इसने प्रधानमंत्री शेख हसीना की कुर्सी छीन ली। प्रधानमंत्री आवास " बंग भवन " पर प्रदर्शनकारियो ने कब्जा कर लिया तथा लूटपाट करने लगे है सेना ने तख्ता पलट के बाद आधिकारिक बयान दिया कि देश को अंतरिम सरकार वर्तमान में चलाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना कुछ समय भारत में शरण ले सकती हैं और फिर लंदन जा सकती हैं।
     


     



     










     







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