करवा चौथ व्रत 2024: 20 अक्टूबर को,चंद्रोदय शाम 7:35 बजे, दिनभर रखेंगी महिलाएं निर्जला व्रत

इस साल 20 अक्टूबर को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानी करवा चौथ का पवित्र पर्व मनाया जाएगा। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, जो अपने पति की लंबी उम्र, सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह व्रत करती हैं। करवा चौथ व्रत महिलाओं के अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

करवा चौथ की पूजा विधि
इस दिन महिलाएं गणेश जी, चौथ माता और चंद्र देव की पूजा करती हैं। रात में चंद्र दर्शन के बाद चंद्र देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इसके बाद ही महिलाएं अपने व्रत का पारण करती हैं और भोजन व जल ग्रहण करती हैं।

शुभ मुहूर्त की जानकारी

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल करवा चौथ पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:46 बजे से रात 8:00 बजे तक रहेगा। महिलाएं सोलह श्रृंगार कर, एक निश्चित स्थान पर इकट्ठा होकर पूजा करती हैं और कथा सुनती हैं।

सतयुग से चली आ रही है पति के लिए व्रत की परंपरा

ज्योतिषाचार्य का कहना है कि पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखने की परंपरा सतयुग से शुरू हुई थी। इसका पहला उदाहरण सावित्री और सत्यवान की कथा से मिलता है। जब यमराज सत्यवान को ले जाने आए तो सावित्री ने अपने पतिव्रता धर्म और दृढ़ संकल्प से यमराज को रोक दिया और अपने पति को पुनः प्राप्त किया।

इसके अलावा, पांडवों की पत्नी द्रौपदी का भी इस व्रत से जुड़ा प्रसंग है। जब अर्जुन तपस्या के लिए नीलगिरी पर्वत गए थे, तब द्रौपदी ने उनके सुरक्षित लौटने के लिए भगवान कृष्ण से मार्गदर्शन मांगा था। भगवान कृष्ण ने उन्हें माता पार्वती के जैसे व्रत करने की सलाह दी, और परिणामस्वरूप अर्जुन सुरक्षित वापस लौट आए।

लाल वस्त्र पहनना है शुभ

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, करवा चौथ पर लाल रंग का वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से यदि महिलाएं अपनी शादी का जोड़ा पहनें तो यह और भी शुभ होता है। लाल, हरा, मेहरून और पीले रंग के वस्त्र इस व्रत में पहनना अत्यधिक मंगलकारी होता है।

बाजारों में करवा चौथ की रौनक

करवा चौथ की तैयारियों के चलते बाजारों में खास रौनक देखी जा रही है। महिलाएं ज्वेलरी, श्रृंगार का सामान और पूजा सामग्री की खरीदारी में व्यस्त हैं। करवा, दीया, चलनी, पूजा की किताबें और अन्य सामग्रियां बाजारों में सज चुकी हैं। करवा 60-80 रुपए, चलनी 80-120 रुपए, और चुनरी 10-100 रुपए तक बिक रही हैं। पूजा के अन्य आवश्यक सामान जैसे नया चूड़ा, चावल, और आटा भी बाजार में उपलब्ध हैं।

करवा चौथ न केवल एक धार्मिक व्रत है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते की गहराई और परस्पर प्रेम का प्रतीक भी है। इस दिन महिलाओं की भक्ति और समर्पण अपने पतियों के प्रति अद्वितीय होती है।

टिप्पणियाँ

अपनी बुकिंग करें

Discover the World with Free Travel Tours

Join us for an unforgettable adventure!

लोकप्रिय पोस्ट

वाराणसी के ऐतिहासिक भारत मिलाप मेले में भगदड़ और लाठीचार्ज: मंत्री के बेटे से विवाद के बाद दरोगा निलंबित, पुलिस पर उठे सवाल

सिगरा स्टेडियम में राज्य मंत्री ने अधिकारियों को लगाई फटकार, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद के नाम पर उठी विवाद की चिंगारी