"मुंबई में पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीक़ी की गोली मारकर हत्या: कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल"

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीक़ी की मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। सूत्रों के अनुसार, शनिवार रात करीब 9:30 बजे उनके बेटे जीशान सिद्दीक़ी के दफ्तर के पास हमलावरों ने उन पर छह गोलियां दागीं। जीशान बांद्रा पूर्व से विधायक हैं। इस हमले में बाबा सिद्दीक़ी के अलावा उनके एक सहयोगी को भी गोली लगी। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर रूप से घायल बाबा सिद्दीक़ी की मौत हो गई। इस मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, एक उत्तर प्रदेश से और एक हरियाणा से, जबकि एक अन्य आरोपी फरार है।

यह दुखद घटना दशहरे के दिन हुई, और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर गई है।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस और अस्पताल के डॉक्टरों से इस मामले में जानकारी ली है। उन्होंने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और एक फरार है। मैंने पुलिस को सख्त कार्रवाई करने और सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मुंबई में फिर से कोई गैंगवार जैसी स्थिति उत्पन्न न हो।"

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं, घटना के बाद तुरंत अस्पताल पहुंचे। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, "बाबा सिद्दीक़ी के निधन की खबर से मैं स्तब्ध हूँ। मैंने एक अच्छा साथी और मित्र खो दिया है।"

एनसीपी के प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने एनडीटीवी को बताया कि बाबा सिद्दीक़ी ने कभी किसी से धमकी मिलने की बात नहीं की थी। उन्होंने कहा, "यह घटना बेहद चौंकाने वाली है। सिद्दीक़ी साहब हमेशा से सामाजिक और राजनीतिक रूप से सक्रिय थे, और उनका कभी किसी से कोई विवाद नहीं था।"

बाबा सिद्दीक़ी का राजनीतिक सफर

बाबा सिद्दीक़ी, जो तीन बार बांद्रा पश्चिम से विधायक रह चुके थे, उनका कांग्रेस के साथ 48 वर्षों का लंबा जुड़ाव था। उन्होंने इस साल फरवरी में कांग्रेस छोड़कर अजित पवार की एनसीपी में शामिल होने का निर्णय लिया था। उनके बेटे जीशान सिद्दीक़ी को अगस्त में कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। बाबा सिद्दीक़ी 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा पश्चिम से विधायक चुने गए थे और 2004 से 2008 तक उन्होंने राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए विभाग में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था।

सिद्दीक़ी की पहचान न केवल उनकी राजनीतिक सूझबूझ के लिए होती थी, बल्कि उन्होंने मुंबई में कई भव्य इफ्तार पार्टियों का आयोजन भी किया था। 2013 में उनके द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में बॉलीवुड के दो दिग्गज सितारे, शाहरुख खान और सलमान खान के बीच सालों से चली आ रही दुश्मनी खत्म हुई थी।

उनकी हत्या के बाद, सलमान खान और संजय दत्त भी अस्पताल पहुंचे, जहाँ सिद्दीक़ी का इलाज चल रहा था।

कानून-व्यवस्था पर सवाल

बाबा सिद्दीक़ी की हत्या के बाद मुंबई की कानून-व्यवस्था पर विपक्षी नेताओं ने गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि Y-लेवल सुरक्षा प्राप्त एक नेता की ऐसी सुरक्षा के बावजूद हत्या कैसे हो सकती है, वह भी मुंबई जैसे पॉश इलाके में।

एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि इस मामले में सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और संबंधित पदाधिकारियों को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा, "राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ रही है। यह अत्यंत चिंताजनक है कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीक़ी की देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अगर राज्य के गृह मंत्री और अन्य शासक इस प्रकार की लापरवाही से राज्य का संचालन करेंगे, तो यह आम जनता के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।"

कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा, "Y-लेवल सुरक्षा प्राप्त एक बड़े नेता की हत्या बेहद चौंकाने वाली और दुखद घटना है। मैं उनके परिवार के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ। यह दुखद है कि महाराष्ट्र अब उत्तर प्रदेश की तरह बनता जा रहा है। मुंबई, जो पहले शांतिपूर्ण थी, अब इस प्रकार की घटनाओं का गवाह बन रही है क्योंकि शहर में पुलिस का डर खत्म हो गया है। वर्तमान सरकार अपराधियों को बढ़ावा दे रही है।"

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने पोस्ट में लिखा कि इस घटना की पूरी तरह से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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