"नरसिंहानंद के विवादित बयान पर देशभर में विरोध, एफआईआर दर्ज"

उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद स्थित डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद एक बार फिर से विवादों में हैं, इस बार पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ की गई उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर। हाल ही में ठाणे, महाराष्ट्र में उनके ख़िलाफ़ एक और एफ़आईआर दर्ज की गई है। इससे पहले यूपी पुलिस ने भी उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।

दरअसल, यति नरसिंहानंद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ विवादित बयान दिया। इस बयान के बाद से यूपी और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। 29 सितंबर को गाज़ियाबाद के हिंदी भवन में दिए गए एक भड़काऊ भाषण के बाद ठाणे पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के अध्यक्ष की शिकायत पर यह मामला दर्ज हुआ, जिसमें नरसिंहानंद पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और समाज में विद्वेष फैलाने का आरोप है।

महाराष्ट्र के ठाणे के अलावा अमरावती में भी यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया है। अमरावती में उनके बयान के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें पुलिस कर्मियों को चोटें आईं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। यूपी पुलिस ने भी उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 299, 302 और 197 के तहत मामला दर्ज किया है।

नरसिंहानंद की विवादित टिप्पणियों के बाद जमात-ए-इस्लामी हिंद और अन्य मुस्लिम संगठनों ने कड़ी निंदा की है और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने मुसलमानों से संयम बनाए रखने और शांतिपूर्ण तरीके से प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया है।

हालांकि अब तक यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाज़ियाबाद में हिरासत में लिया है। इससे पहले भी वे धार्मिक उन्माद भड़काने के कई मामलों में शामिल रहे हैं, जिसमें 2021 में हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में घृणास्पद भाषण के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। जमानत पर रहते हुए भी उन्होंने 2022 में दिल्ली में एक ‘महापंचायत’ में इसी तरह की विवादित टिप्पणियाँ की थीं।

नरसिंहानंद की ये विवादास्पद बयानबाजी लगातार धार्मिक और सांप्रदायिक माहौल को प्रभावित कर रही है, जिससे समाज में असंतोष और तनाव का माहौल बन रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन क्या कदम उठाता है और आगे क्या कानूनी कार्रवाई होती है।

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