बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की एकजुटता: 'अगर हमें निकाला गया, तो बांग्लादेश अफगानिस्तान और सीरिया बन जाएगा'
चटगांव (बांग्लादेश), (हि.स.) - बांग्लादेश के प्रख्यात हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने शुक्रवार को चटगांव के लालदिघी मैदान में हिंदू समुदाय की एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए बांग्लादेश सरकार को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हिंदू समुदाय को बांग्लादेश से बेदखल करने की कोशिश हुई, तो देश अफगानिस्तान और सीरिया जैसी स्थिति में जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर लोकतंत्र कमजोर हुआ, तो बांग्लादेश कट्टरता का गढ़ बन सकता है।
अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ आवाज
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मचारी ने मांग की कि अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचारों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मुआवजे, कानूनी सुरक्षा, और हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों को रोकने की मांग की। बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता के रूप में उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की अनदेखी ने हिंदू समुदाय को एकजुट होने पर मजबूर कर दिया है।
आठ सूत्री मांग और भविष्य की योजना
सभा में 19 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया, जो आठ मांगों को पूरा कराने के लिए काम करेगी। इनमें त्वरित न्यायाधिकरण की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम, और अलग अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना शामिल है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आवश्यक हुआ, तो हिंदू समुदाय मतदान का बहिष्कार कर सकता है।
हर मंडल में रैली, ढाका की ओर मार्च की तैयारी
चिन्मय ब्रह्मचारी ने घोषणा की कि हर मंडल में सामूहिक रैलियां और हर जिले में सभाएं आयोजित की जाएंगी। इसके बाद ढाका की ओर लंबा मार्च किया जाएगा। उन्होंने संसद में हिंदुओं के लिए सीटें आवंटित करने और सांस्कृतिक एकता की मांग की।
लगातार हमलों से आक्रोश, न्याय की गुहार
अन्य वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को दशकों से न्याय नहीं मिला। पुलिस के अनुसार, अक्टूबर में दुर्गा पूजा के दौरान भी हमले हुए। सभा में पत्रकार, वकील, शिक्षक और विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने भी समर्थन जताया और न्याय की मांग की।
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