"जम्मू-कश्मीर में भाजपा की 'नया कश्मीर' रणनीति क्यों हुई विफल?"Exit poll रिपोर्ट

जम्मू-कश्मीर में भाजपा की 'नया कश्मीर' की उम्मीदें और शांति एवं समृद्धि के दावों को बड़ा झटका लगा है। हालांकि पार्टी ने विकास की कई योजनाओं और क्षेत्र के शिक्षित लेकिन बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार सृजन का वादा किया था, परंतु इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर ठोस प्रगति न होने से लोगों में नाराजगी और ठगा हुआ महसूस करने का भाव पैदा हुआ है।

सहयोगियों की विफलता

भाजपा ने अपनी चुनावी रणनीति के तहत पारंपरिक रूप से नेशनल कांफ्रेंस (NC) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के दबदबे को तोड़ने के लिए नए दलों जैसे अपनी पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस के साथ गठबंधन किया था। लेकिन इन गठबंधनों में वर्षों के निवेश के बावजूद ये पार्टियां NC या PDP जैसी स्थापित ताकतों को चुनौती देने में असफल रहीं।

CVoter एग्ज़िट पोल के अनुसार, कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन को 90 विधानसभा सीटों में से 40-48 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं भाजपा 27-32 सीटों पर सिमट सकती है, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) 6-12 सीटें जीतने की स्थिति में है। अन्य दल और निर्दलीय उम्मीदवार 6-11 सीटें ले सकते हैं।

भाजपा की कश्मीर रणनीति: क्या हुआ गलत?

भाजपा की विकास योजनाओं और गठबंधन रणनीति के बावजूद, जमीनी स्तर पर ठोस परिणाम न मिलने से पार्टी की 'नया कश्मीर' की योजना कमजोर साबित हो रही है। लोगों की उम्मीदों पर खरी न उतरने और क्षेत्र में पारंपरिक दलों का मजबूत पकड़ बनाए रखना, भाजपा के लिए मुख्य चुनौती बन गया है।

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